सच ! दर्द दिल का बयां कैसे करें
अब तलक उनका बसेरा है वहां ?
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तमाम कोशिशें हमारी, नजर अंदाज की गईं थी 'उदय'
वर्ना, उनके कूचे को, हम यूँ अलविदा नहीं कहते ?
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दिखावे की, बनावटी दौड़ों से हमें परहेज क्यूँ है 'उदय'
जबकि लोग हैं, जो उसी में मस्त रहते हैं ??
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