पहले तुम -
अपना पेट ठूंस-ठूंस के भर लो !
हमें तो -
आदत है भूखे रहने की ?
अनशन की ...
हम मरेंगे नहीं, आठ-दस दिनों में !!
पर हाँ, डर है कि -
कहीं तुम
भूखे रहने पर
मर न जाओ, आठ-दस घंटों में ??
तुम्हारे मौन रहने से
खामोश रहने से
हम डरेंगे नहीं ... हारेंगे नहीं
अभी हम -
लड़ रहे हैं, लड़ रहे हैं, लड़ रहे हैं !!!
1 comment:
यह लड़ाई तो अभी और चलनी है ...
ब्लॉग बुलेटिन की पूरी टीम की ओर से आप सभी को रक्षाबंधन के इस पावन अवसर पर बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाये | आपके इस खूबसूरत पोस्ट का एक कतरा हमने सहेज लिया है, एक आध्यात्मिक बंधन :- रक्षाबंधन - ब्लॉग बुलेटिन, के लिए, पाठक आपकी पोस्टों तक पहुंचें और आप उनकी पोस्टों तक, यही उद्देश्य है हमारा, उम्मीद है आपको निराशा नहीं होगी, टिप्पणी पर क्लिक करें और देखें … धन्यवाद !
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