जिस घड़ी वे अपने आँख के चश्मे पे पडी धूल पौंछ लेंगे 'उदय'
फिर उन्हें, अनशन-आंदोलन में कोई देश-द्रोही नहीं दिखेंगे ?
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हौसला तू रख, हमारी जीत होगी
अभी हम, लड़ रहे हैं - लड़ रहे हैं !
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इस बार, लड़ाई... आर-पार की है
मारेंगे या मर जाएंगे, जय हिंद !!
1 comment:
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार को ३१/७/१२ को राजेश कुमारी द्वारा चर्चामंच पर की जायेगी आपका स्वागत है
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