मंत्री ... सांसद ... विधायक ...
भृष्टाचार के आरोप लगे
जांच हुई
अपराध कायम हुए
सबूत मिले
गिरफ्तार हुए
जेल गए
जेल में रहे
जमानत हुई
फिर से ... सदन में ... सीना तान के
न तो पार्टी ने इस्तीफा लिया !
न ही बर्खास्त किया !!
और न ही -
सदन, इन पर कार्यवाही को तैयार है !!!
क्या ऐंसे लोगों के लिए
'राईट टू रिकॉल' फिट नहीं है ???
3 comments:
उदाहरण हैं..
जनता को यह अधिकार मिले ... ऐसा लगता तो नहीं !
इस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - कहीं छुट्टियाँ ... छुट्टी न कर दें ... ज़रा गौर करें - ब्लॉग बुलेटिन
कौन करेगा री-कॉल जनता को तो यह हक पांच साल बाद ही मिलेगा ।
Post a Comment