उम्मीद में तालियों की गड़गड़ाहट
क्यों ? किसलिए ??
सिर्फ इसलिए
कि -
जब मेरी बारी आयेगी
तब वह भी ताली बजाएगा !
इस तरह
तालियों की गड़गड़ाहट
जब तक, उम्मीदों के संग
बजती-बजाती रहेंगी
तब तक, क्या हम -
यह उम्मीद कर सकते हैं
कि -
सच्चे व सुनहरे दिन आएंगे ?
या फिर
हम खुद, खुद के सांथ, अंत तक
बेईमानी करते रहेंगे ??
1 comment:
बेहतरीन..
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