"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
रकीब होता, तो शायद खुश न हुआ होता !यकीनन ...
बहुत बढ़िया प्रस्तुतिआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार के चर्चा मंच पर भी होगी!सूचनार्थ!
वाह!
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3 comments:
रकीब होता, तो शायद खुश न हुआ होता !
यकीनन ...
बहुत बढ़िया प्रस्तुति
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
वाह!
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