वक्त से कौन जीता है ? फिर भी हम लड़ रहे हैं
लड़ते-लड़ते, सुलह का कोई रास्ता ढूंढ रहे हैं !
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जी तो चाहता है कि जी की सुन लें
पर, उनकी जी से डरते हैं !!
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ये लड़ाई अभी थमने वाली कहाँ है 'उदय'
सुलह तो कोई चाहता ही नहीं है !!
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दिलों के टूटने का हश्र, तुम क्या जानो 'उदय'
कुछ घड़ी का जलजला, सदियों सा लगता है !
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गुजरते वक्त के सांथ, हम कहाँ से कहाँ आ गए हैं
अब क्या कहें, कहाँ तक और जाना है !!
2 comments:
सदियों तक असर करता है
सुन्दर अभिव्यक्ति|
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