लेखन एक कला है ...
“लेखन एक कला है ... शब्दों व भावों की रचना, लेख, कहानी, कविता, गजल, हास्य-व्यंग्य, शेर-शायरी, ये सभी समय समय पर की जाने वाली नवीन अभिव्यक्तियाँ होती हैं, अभिव्यक्तियों के भाव-विचार सकारात्मक अथवा नकारात्मक हो सकते हैं, अत: इन अभिव्यक्तियों के आधार पर लेखक की मन: स्थिति का आँकलन करना निरर्थक है !”
5 comments:
सही है...
बिल्कुल सही कहा है ...आभार ।
लेखक के विचार उसकी लेखनी से प्रगट होते ही हैं।
sach kaha aapne..
sach kaha aapne..
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