Thursday, January 19, 2012

लेखन एक कला है ...

“लेखन एक कला है ... शब्दों व भावों की रचना, लेख, कहानी, कविता, गजल, हास्य-व्यंग्य, शेर-शायरी, ये सभी समय समय पर की जाने वाली नवीन अभिव्यक्तियाँ होती हैं, अभिव्यक्तियों के भाव-विचार सकारात्मक अथवा नकारात्मक हो सकते हैं, अत: इन अभिव्यक्तियों के आधार पर लेखक की मन: स्थिति का आँकलन करना निरर्थक है !”

5 comments:

रश्मि प्रभा... said...

सही है...

सदा said...

बिल्‍कुल सही कहा है ...आभार ।

अजित गुप्ता का कोना said...

लेखक के विचार उसकी लेखनी से प्रगट होते ही हैं।

कविता रावत said...

sach kaha aapne..

कविता रावत said...

sach kaha aapne..