Saturday, January 28, 2012

फूट ले ...

अबे ऐ ...
तू ...
हाँ तू ...
इधर आ ...
हाँ हाँ तू ...
इधर-उधर क्या देख रहेला है ...
और कौन है रे ... यहाँ पर ...
जो तू ... इधर-उधर ...
साले ... दूं क्या एक कान के नीचे ?
चिरकुट कहीं का ...
सुनता नहीं है ... इशारा नहीं समझता ...
चल चल ... बहुत हो गया ...
काय को खडा है यहाँ पे ?
फ़ोकट-फंड़ी ... साला ...
देखता नहीं ... अपुन आ गयेला है ...
बोले तो पुलिस ...
चल चल निकल ले ... नई तो ... कान के नीचे ...
जी साब ... जी साब ...
चल चल ... फूट ले ... फूट ले ... फूट ... !!

2 comments:

Padm Singh said...

देखता नहीं अपुन आ गया है !!! :)

प्रवीण पाण्डेय said...

आधुनिक छलकता प्रवाह..