Sunday, January 29, 2012

... कैसे मानूं कि तुम सच्चे हो !!

दोस्त होकर भी, फिर मुंह फुला के बैठा है
देखो तो, कितना सच्चा - कितना झूठा है !
...
सच ! कितना झूठा हूँ, मैं न पूछूंगा तुझसे
पर, तू कितनी सच्ची है, ये तो बताते जा !!
...
दिल को तोड़ना तो बहुत आसां है यारो
जोड़ के दिखाओ तो कुछ बात बने !
...
न तो तुम झूठे हो, न ही मैं सच्चा हूँ
पर, कोई तो हो जो ये फैसला कर दे !
...
न तो कुछ कहते हो, न ही कुछ सुनते हो
अब कैसे मानूं कि तुम सच्चे हो !!

1 comment:

प्रवीण पाण्डेय said...

मौन को क्या कहें, सच्चा या झूठा..