दोस्त होकर भी, फिर मुंह फुला के बैठा है
देखो तो, कितना सच्चा - कितना झूठा है !
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सच ! कितना झूठा हूँ, मैं न पूछूंगा तुझसे
पर, तू कितनी सच्ची है, ये तो बताते जा !!
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दिल को तोड़ना तो बहुत आसां है यारो
जोड़ के दिखाओ तो कुछ बात बने !
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न तो तुम झूठे हो, न ही मैं सच्चा हूँ
पर, कोई तो हो जो ये फैसला कर दे !
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न तो कुछ कहते हो, न ही कुछ सुनते हो
अब कैसे मानूं कि तुम सच्चे हो !!
1 comment:
मौन को क्या कहें, सच्चा या झूठा..
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