यह जरुरी, आवश्यक नहीं है
कि -
हर एक आपसे सहमत हो
भला सहमत हो भी, तो क्यों हो ?
उसके विचार, तर्क
आपके विचारों -
तर्कों से भिन्न हो सकते हैं !
जब
दो लोगों के आपस में
विचार व तर्क भिन्न होंगे
तो असहमत होना जायज है !
सहमती या असहमती के लिए
सही अथवा गलत होना जरुरी नहीं है
विचारों व तर्कों का
आपस में भिन्न होना पर्याप्त है !!
1 comment:
असहमति पर ही सहमति बन जाये..
Post a Comment