Saturday, January 28, 2012

इंतज़ार ...

उसके इंतज़ार में
आज गुस्से ही गुस्से में
उसका नाम
तीन बार, कोरे कागज़ पे
लिख लिख कर -
फाड़ कर फेंक दिया !
जैसे ही
चौथी बार नाम लिखा
उसे, सामने देख
चुपके से जेब में रख लिया
और क्या करता ?
प्यार जो करता हूँ उससे !!

2 comments:

प्रवीण पाण्डेय said...

कोमल..

***Punam*** said...

जैसे ही
चौथी बार नाम लिखा
उसे, सामने देख
चुपके से जेब में रख लिया
और क्या करता ?
प्यार जो करता हूँ उससे !!

अच्छा किया...

प्यार में यही होना चाहिए...