भईय्या ... आपने जो
सौ लोगों की लिस्ट बनाई है
उस लिस्ट में से
सिर्फ एक नाम हटाकर
लिस्ट में ...
कहीं पर भी, कोई और नाम !
मसलन ... मेरा नाम -
क्यूँ नहीं जोड़ देते ?
आखिर मैं भी तो लिखता हूँ
अब, आज के दौर में
किसे ? कितने लोगों को ?
मतलब है, अच्छे-बुरे से !
और अगर है भी -
तो क्या फर्क पड़ता है ?
एक-दो नाम -
आगे-पीछे हो ही जाते हैं !!
वैसे भी, मैं जिस नाम को -
हटाने को कह रहा हूँ !
उसे भी -
कहाँ चिंता है नंबरों की ?
न तो वो कुछ कहेगा
और न ही -
कोई और, कहने वाला है !!
सच कहूं तो, आप अपने -
दिल पे हाँथ रख के देख लो
भले मैं सगा न सही
पर, सगे से कम भी नहीं हूँ !
और तो और
शेष, निन्न्यान्वें लोग -
आपके, अपने ही तो हैं !
सौवा भी सही !!
1 comment:
वे अपने हैं या सपने हैं..
Post a Comment