आज फिर तन्हाई राहों में दिखे है
दिल कहे है कोई तो मिल जाएगा !
भोर की किरणें सुहानी लग रही हैं
लग रहा है जी मचल ही जाएगा !
ओस की बूँदें भी मन को छू रही हैं
लग रहा है तन पावन हो जाएगा !
धड़क रहा है, दिल मेरा, नाम तेरे
अब कहाँ, वो मेरा रह पायेगा !
चल पड़े हैं, पग मेरे, तेरी डगर को
लग रहा है अब मकां मिल जाएगा !!
3 comments:
निश्चय ही मकां मिलेगा।
अवश्य मिलेगा.........
अंतर्मन की भावनाओं का सुंदर निरूपण बधाई.
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