Friday, January 6, 2012

कविता समय ...

कविता समय में, आज -
कुछ नए
कुछ पुराने
कुछ हमकदम
कवियों का संगम है !
कुछ कहेंगे
कुछ सुनेंगे
कुछ देखेंगे
कुछ महसूस करेंगे -
कविताओं, भावनाओं, विचारों, अभिव्यक्तियों को !
आज, कुछ न कुछ -
संगम से
मंथन से
कविता से
समय से
अमृत, विष, निकलेगा !
कौन जाने, कौन -
इस मधुर बेला में 'शिव' हो पायेगा !!

2 comments:

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

गरल और शिव - पुराना और सनातन रिश्ता है.

प्रवीण पाण्डेय said...

जो विष पियेगा, वही शिव होगा।