Tuesday, January 3, 2012

... किसी की जान नहीं लेगी !!

जिंदगी में कुछ हो या न हो, पर रुपया-पैसा जरुरी है
क्यों ? क्योंकि, बगैर उसके थम सी जाती है जिंदगी !
...
कह तो रहे हैं लोग, इस शहर का नहीं हूँ मैं
कैसे करूँ यकीं, कि इस शहर का नहीं हूँ मैं !
...
उम्र का हर मोड निराला, कुछ खोना - कुछ पाना है
क्या खोया ये छोडो पीछे, क्या पाना तय करना है !
...
कौन, कब, किस नाम से मिल जाए, ये कौन जाने है ?
ये फेसबुकिया दुनिया है यारो, यहाँ सब के ठिकाने हैं !!
...
लोग कुछ भी कहें, पर उतनी भी कडुवी नहीं है जुबां मेरी
सच ! चुभ तो जायेगी लेकिन किसी की जान नहीं लेगी !!

6 comments:

Padm Singh said...

कौन, कब, किस नाम से मिल जाए, ये कौन जाने है ?
ये फेसबुकिया दुनिया है यारो, यहाँ सब के ठिकाने हैं !!

अच्छा लगा आपकी रचना पढ़ कर

Padm Singh said...

कौन, कब, किस नाम से मिल जाए, ये कौन जाने है ?
ये फेसबुकिया दुनिया है यारो, यहाँ सब के ठिकाने हैं !!

अच्छा लगा आपकी रचना पढ़ कर

रश्मि प्रभा... said...

जीने के लिए पैसा ज़रूरी है ... पर सिर्फ पैसा ! मैं आज तक नहीं मान पायी, प्यार आज भी श्रेष्ठ है-

प्रवीण पाण्डेय said...

कड़ुवाहट कभी गुणकारी भी होती है।

वाणी गीत said...

पैसा बहुत कुछ तो है , सब कुछ नहीं !
पैसा ज़रूरी है , मगर सब कुछ यही नहीं है ...
जबान कडवी चुभती है , जान तो नहीं लेती ...
अच्छा लिखा है !

संगीता पुरी said...

बढिया लिखा है ..