Wednesday, December 28, 2011

आदिवासी लडके ...

अब अपनी उमर -
अठारह साल हो गई है !
हम जैसे -
गाँव
जंगल
पहाड़
के आदिवासी लड़कों के लिए
शायद -
शहर में कोई काम, नहीं होगा !
होगा भी तो मिलेगा नहीं !!
और न ही कोई
यहाँ आकर हमें काम देने वाला है !!
क्या करें ?
क्या हम भी, बंदूकें उठा लें ??

6 comments:

सदा said...

शब्‍दों में छिपी एक गहन सच्‍चाई है ... आभार ।

रश्मि प्रभा... said...

परिस्थिति ... !

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

बेरोजगारी तो हर जगह है.

kshama said...

Naya saal bahut mubarak ho!

रश्मि प्रभा... said...

ब्लॉग बुलेटिन की इस ख़ास पेशकश :- २०११ के इस अवलोकन को मैं एक पुस्तक का रूप दूंगी , लिंकवाली पूरी रचना होगी ... यदि आप में से किसी को आपत्ति हो तो यहाँ या फिर मेरी ईमेल पर स्पष्ट कर दें ... और हाँ किसी को यह पुस्तक उपहार स्वरुप नहीं दी जाएगी ....अतः इस आधार पर निर्णय लें ... मेरा ईमेल है :- rasprabha@gmail.com .

प्रवीण पाण्डेय said...

काम की तलाश में पूरी की पूरी पीढ़ी...