Thursday, November 24, 2011

चांटे की निंदा ...

मुझे बहुत अफसोस है
कि-
मेरे एक भले व निर्दोष सांथी को
एक सिरफिरे ने -
बेवजह चांटा जड़ दिया है
मैं उस चांटे की घोर निंदा करता हूँ
और यह आशा करता हूँ
कि -
इस तरह की
चांटे मारने वाली घटनाएँ
दोबारा नहीं होंगी !

इस तरह की घटनाओं से
निसंदेह
हमारा लोकतंत्र कमजोर होगा
मैं मानता हूँ
कि -
इस दौरान -
मंहगाई
भ्रष्टाचार
घुटालेबाजी
जैसी घटनाओं में बढ़ोत्तरी हुई है
लेकिन, इसका यह तात्पर्य नहीं है
कि -
हमारे युवा, आपा खो बैठें
और मेरे निर्दोष सांथियों पर
चांटे जैसे गंभीर प्रहार करें !

मैं घटना की निंदा करता हूँ
और युवाओं से आव्हान करता हूँ
कि -
वे इस तरह के हिंसक रास्ते छोड़ कर
सक्रीय राजनीति में आएं
और चुनावी अखाड़े में कूदकर
खुद को आजमाएं, जौहर दिखाएँ
क्यों, क्योंकि
हम अहिंसा के पुजारी हैं
तथा
एक ऐंसे लोकतंत्र के समर्थक हैं
जो हमें न सिर्फ आजादी प्रदान करता है
वरन हमें सुरक्षित भी रखता है !!