Tuesday, October 4, 2011

पथ ...

करते भी क्या
और क्या न भी करते
भ्रष्ट हुए थे
राजा, रानी, मंत्री, संत्री
इसलिए -
हार गए
सब हार गए
कहते-सुनते, सुनते-कहते
छोटे, मोटे, सारे
भ्रष्ट, घुटालेबाज, लुटेरे
ताकतवर
लड़ते-लड़ते हार गए
दांव-पेंच सब ध्वस्त हुए
और
जीत गए
सब जीत गए
सत्य-अहिंसा के पथ पर
लड़ते-लड़ते
जन-गण-मन, सब जीत गए !!

2 comments:

प्रवीण पाण्डेय said...

उनको उनकी जीत मुबारक।

विवेक रस्तोगी said...

सब जीत गये, पर जीतने के तमगे का इंतजार है।