गरीब, किसान, मजदूर
मरते हैं मर जाने दो
किसी को कोई नहीं दरकार है !
न सर है, न सरकार है
चहूँ ओर
फिर भी मची जय जयकार है !
गरीब, किसान, मजदूर
का जीवन दुश्वार है
फिर भी सरकार असरदार है !
पेट्रोल, डीजल, गैस, दूध
की कीमतें छू रही आसमान हैं
फिर भी सरकार की खूब शान है !
चहूँ ओर से हो रही पुकार है
सुनने को कोई नहीं तैयार है !
उफ़ ! ये कैसी सरकार है !!
2 comments:
इनका कष्ट सुने अब कोई।
चहूँ ओर से हो रही पुकार है
सुनने को कोई नहीं तैयार है !
उफ़ ! ये कैसी सरकार है !!
Sach! Aisa hee ho raha hai!
Navratree kee anek shubh kamnayen!
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