हमें
मिली थी एक आजादी
आज से पहले भी
धीरे-धीरे, हुई वो धूमिल
पर
आज हमें
ये दृढ निश्चय करना है
जोश में आकर
हमको, होश न खोना है !
वरना
फिर से
ऐसा, फिर, हो सकता है
कि -
जिस आजादी को
हमने, पाकर, खोया है
वैसे दिन
फिर से भी आ सकते हैं !
ये माना
हम मान रहे हैं
जीत हमारी, हुई है आधी
पूरी जीत, जीत की खातिर
संघर्षों के दिन-रात
अभी, और बिताना है
आधी जीत को -
पूरी जीत बना कर ही
हमें जीत का जश्न मनाना है !!
3 comments:
सटीक सन्देश ... अभी बहुत कुछ बाकी है ..
भविष्य बड़ी आशा लिये बैठा है।
बहुत खूब ....लाजवाब
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