लोकपाल के मसले पर,
क्यों तलवारें खिंच जाती हैं
है, जब भ्रष्टाचार मिटाना मकसद
फिर क्यूं, तकरारें बढ़ जाती हैं
सरकारें तो, बनती-मिटती हैं
मिटाना, भ्रष्टाचार जरुरी है
आज मिटा लो, तो अच्छा है
वरना, कल खुद मिट जाओगे
फिर चीखोगे, या चिल्लाओगे
न होगा, कोई सुनने राजी
आज मिला है मौक़ा सब को
भ्रष्टाचार से लड़-भिड़ जाओ
भ्रष्ट तंत्र से, भ्रष्टाचार से
दो-दो हांथ सभी आजमाओ !!
3 comments:
सही कहा है मित्र
भ्रष्ट्राचार से दो-दो हाथ करो
पिछवाड़ा सेकवाओ,डंड़े खाओ।:)
भ्रष्टाचार मिटाना होगा।
बिलकुल अब तो जो भी भ्रष्ट मंत्री सांसद या अधिकारी दिखे उससे उसकी संपत्ति का जवाब मांगो उससे पूछो की क्या तुम्हे हमने इसलिए चुना था की तुम हमारा खून चूसकर अकूत दौलत बनाओ....और बेशर्मी से कहो की हम चुनकर आये हैं और उसके बाद अगर सही जवाब नहीं मिले तो साले को जूते मरो हजार गिनों एक....सारा काम अदालत पर मत छोरो यार...अदालत में मामला लटक जाता है....
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