भ्रष्ट ... भ्रष्टतम ... भ्रष्टाचार
कुछेक ... नापाक ... इरादों ने
न सिर्फ बाबा को
वरन मीडिया को भी
डराया, धमकाया, धौंसा
और शायद सिट्टी-पिट्टी भी
गुम ... कर के रख दी !
धौंस ... और सिट्टी-पिट्टी
बाबा तक ... तो ठीक थी
पर ... चतुर-चालाक ... मीडिया की भी
वाह ... वाह-वाह ... क्या बात है
ये लोकतंत्र है भईय्या
यहाँ ... कुछ भी ... संभव है
जायज है ... भले नाजायज है !!
2 comments:
vaakai jaayaj hai par naajayaj hai aur naajayaj hai par jaayaj hai.
वाकई में भारतीय लोकतंत्र में सब कुछ जायज है|
Post a Comment