Tuesday, April 5, 2011

... मुश्किलें न आएं, बस इतनी दुआ कीजे !!

क्या करेंगे जानकर, कौन अपने, पराये हैं
मुश्किलें आएं, बस इतनी दुआ कीजे !
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कीजे संदेह, समर्थकों की भीड़ पर
मौत की आहट ने, सबको डराया है !
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दीवानगी, किसी पागलपन से कम नहीं होती
कोई पागल फिर जो भी करे, वो कम ही होगा !
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क्रिकेट ! जुनूं, जज्बा, हौसला, उत्साह, पागलपन, दीवानापन
जो भारत-पाक मैच में दिखे है सारे वर्ल्ड कप में नहीं दिखता !
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रंग, रूप, हुस्न, किसी हीरे से कम नहीं
गर नजर ठहरे, तो फिर हटती कहाँ है !
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सच ! जल जल के अब मैं, राख बन चला हूँ
संभल के फेंक यारा, कहीं अंगार दबा होगा !
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सदियाँ गुजर जाती हैं, रूठने-मनाने में
क्या रक्खा है, फिजूल के अफ़सानों में !
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किसी दिन फुर्सत में, खुद को आजमाएंगे
आज मौक़ा हंसी है, खुद को फना कर लें !!
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बहुत हुआ लड़ना-लड़ाना अब जमाने से
क्या रक्खा है रोज रोज के अफ़सानों में !
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वक्त रहते सचेत हो जाएं हुक्मरान, भलमनसाहत है इसी में
गर अन्ना को अनशन पर कुछ हो गया, तो सैलाब आयेगा !

4 comments:

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

आपकी दुआ में हमारी भी आवाज शामिल है....

kshama said...

सच ! जल जल के अब मैं, राख बन चला हूँ
संभल के फेंक यारा, कहीं अंगार दबा होगा !
wah!

प्रवीण पाण्डेय said...

हम प्रार्थना में बैठे हैं।

bilaspur property market said...

सदियाँ गुजर जाती हैं, रूठने-मनाने में
क्या रक्खा है, फिजूल के अफ़सानों में !

..श्याम जी ठीक कहा
बहुत सुन्दर प्रस्तुती