जलने दो मुझे, जब तक जहन में शोले हैं
न जाने कौन, कब, बुझा दे मुझे !
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काश ! तेरे हुश्न की छलकती खुशबू, पंखुड़ी
कुछ पल के लिए, ठहर जाती आँखों में मेरे !
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क्या अजब दोराहा है, ईमान-बेईमान का
चला भी नहीं जाता, ठहरा भी नहीं जाता !
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तमगे बटोरने की चाहत नहीं रही
यादें बिखेर के चला जा रहा हूँ मैं !
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इंतज़ार करते रहें, कब तक करें, कुछ कह दो
सच ! अब तड़फ तेरी, हमसे देखी नहीं जाती !
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उफ़ ! सारी रात, हम चहल कदमी करते रहे
तब ही तो आज की सब अलसाई सी लगे है !
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तेरे दर पे टूटा-बिखरा पडा है दिल मेरा
सच ! अब उसे सहेजा भी नहीं जाता !
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सच ! कोई कहे तो ठीक, न कहे तो ठीक
हमें तो अब खामोशी भी अच्छी लगे है !
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जब तक हम बेवफाई का सबब सीख पाते
उफ़ ! कोई हमें, चूना लगा के चला गया !!
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कैटरीना की कमर, हाय ! क्या लचके है
सच ! जवानी तार तार छलके है !!
6 comments:
बहुत खूब ... गजब की है कैटरीना ....
अति सुंदर....!!
बहुत खूब ...
कैटरीना की कमर, हाय ! क्या लचके है
सच ! जवानी तार तार छलके है !!
बहुत सुंदर, धन्यवाद
nice...
बहुत धारदार शेर हैं
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