ब्लागिंग समुन्दर है
ब्लॉग कस्ती है
ब्लॉगर नाविक है
लहरें ही लहरें हैं
हिचकोले ही हिचकोले हैं
तूफां ही तूफां हैं
मौजे ही मौजे हैं
ब्लॉग रूपी कस्ती
बीच समुन्दर में
रह जाती है फ़स
नहीं दिखता रस्ता
झटके ही झटके हैं
गोते ही गोते हैं
समुन्दर ही समुन्दर है
ब्लॉगर ही ब्लॉगर हैं !
19 comments:
झटके ही झटके हैं
गोते ही गोते हैं
समुन्दर ही समुन्दर है
ब्लॉगर ही ब्लॉगर हैं !
....badhiya bahut khoob.
हिचकोले ही हिचकोले हैं
तूफां ही तूफां हैं
मौजे ही मौजे हैं
Hambhi laga rahe hain gote!
मजेदार. मौजों की मौज ही तो ब्लॉग पर बनाए रखती है.
sundar ati sundar .........
keep it up
Sahi kaha...hichkolehi hichkole hain!!
वाकई में....हिचकोले ही हिचकोले हैं.......
उदय जी,
बीच तूफ़ां में फ़सी नाव,
दौड चली आती है दूसरी नावें
सारी मिलके बना देती है
महाकाय जाल,
फ़िर तो
जीतां ही जीतां है
मौजां ही मौजां है
गोते ही गोते हैं
मोती ही मोती है
अच्छी प्रविष्टि ,सुन्दर प्रविष्टि !
[ बस ज़रा कस्ती को कश्ती कर लीजियेगा ]
ब्लॉगर नाविक है
लहरें ही लहरें हैं
हिचकोले ही हिचकोले हैं
तूफां ही तूफां
आप तेवर के साथ लिख रहे हैं.अब ज़रुरत भी है.
पढ़ें वरिष्ठ पत्रकार-लेखक गिरीश पंकज को : बाज़ार में मीडिया
http://hamzabaan.blogspot.com/2010/08/blog-post.html
उदय भाई, आज तो आप छा गये।
…………..
स्टोनहेंज के रहस्य… ।
चेल्सी की शादी में गिरिजेश भाई के न पहुँच पाने का दु:ख..
ब्लॉगर ही टिपण्णी है जी..........
आज तो आप छा गये।
गोते ही गोते हैं
मोती ही मोती है
गोते ही गोते हैं
समुन्दर ही समुन्दर है
ब्लॉगर ही ब्लॉगर हैं..
:) हा हा! वाह!
nice
हम भी गोते ही लगा रहे हैं
आपके साथ ब्लागर समुद्र में।
वाह वाह वाह
इसे भी पढिए फ़ूंकनी चिमटा बिना यार-मुहब्बत है बेकार
चलिए विभूती नारायण से समझ दार तो हिं अपने ब्लागर भाई
सत्य वचन
एक बेहद उम्दा पोस्ट के लिए आपको बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है यहां भी आएं !
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