.... ये तो एक सिंपल उदाहरण है ... मैं यह नहीं कहता कि सभी लोग इस नशे के आदि हैं ... कुछ नहीं भी हैं ... और कुछ तो "चूरम-चूर" हो गए हैं ...
... खैर चिंतित होने की जरुरत नहीं है इस नशे से मुक्ति का उपाय भी है ... सर्वप्रथम सभी ब्लागर साथियों की राय भी जान लेना उचित समझ रहा हूं ... क्या सचमुच ब्लागिंग नशा है ? ... यदि है, तो मुक्ति के उपाय आपकी नजर में क्या हैं ??
विशेष टीप :- यह नशा मुझे भी तनिक-तनिक हो गया था !!!
12 comments:
हां यह नशा है! पर इस पर कोई वैधानिक चेतावनी नहीं है। जितना जी में आए करो जी!
कोई हर्ज़ नहीं...वो अभी बाथरूम तो जाता है न :)
:-) ...................... कौन कमबख्त बाथरूम जाता है? पहले तो सारी हैडलाइन पढ़ी जाती हैं, उसके बाद पोस्ट..... फिर ताज़े लेखों में देखा जाता है की कौन से पढने हैं..... जो आ रहा है उसे दबा कर रखते हैं. जो ज्यादा ज़रूरी है उसे पहले करना ज़रूरी होता है ना. हाँ जब बर्दाश्त ना हो तो अलग बात है..... मज़बूरी में सारा नशा काफूर जो होता जाता है मियां.
;-)
हां यह नशा है.. lekin is nashe se mukti ki kyaa jarurat...?
नही, मै नही मानता, यह नशा है, जब तक आप इस के गुलाम नही बनते तब तक, हां अगर आप इस के गुलाम बन जाये तो यह नशा बन जाता है, जिस का कोई इलाज नही, इस लिये कभी भी भुल से इस के गुलाम ना बने, एक दो तीन या महीना नही तो ना सही इस के लिये तडपे नही.....
उदय जी जिन्दगी ही एक नशा है बशर्ते असल नशे में जिया जाय ना की बोतल या पुरिया में मिलने वाली नकली नशा से उसी तरह ब्लोगिंग एक नशा है अब वह हम आप पर निर्भर है की वह नशा असली है या नकली जैसे जेहाद भी नकली होता है जो पाकिस्तानी आतंकवादियों का है और एक जेहाद और जूनून सत्य और न्याय के प्रति होता है जो शहीद भगत सिंह में था या खुदीराम बोश में ,यह भी एक असली नशा ही था ..|
नशा तो है ।
लेकिन अब उपाय भी आपको ही बताना पड़ेगा ।
बिल्कुल सच कहा आपने, अब इस नशे का उपाय भी तो बताना होगा ।
bilkul sach.........thoda to hme b lg gya h.
bilkul sach.........thoda to hme b lg gya h.
बिल्कुल सच कहा आपने,
मुझे भी ऐसा ही लगता है उदय जी !!
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