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तेरी जुबां का ईमान देखकर, तेरी आंखों से यकीं उठ चला है
कभी हां, कभी ना, अब तू ही बता, ये क्या फ़लसफ़ा है ।
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तेरी जुबां का ईमान देखकर, तेरी आंखों से यकीं उठ चला है
कभी हां, कभी ना, अब तू ही बता, ये क्या फ़लसफ़ा है ।
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6 comments:
waah bahut khoob sir...
बहुत बढ़िया
तेरी जुबां का ईमान देखकर, तेरी आंखों से यकीं उठ चला है
कभी हां, कभी ना, अब तू ही बता, ये क्या फ़लसफ़ा है ।
...bahut khub.
Wah, kya baat kahi hai..!
हमेशा की तरह बहुत शानदार। क्या कहने।
ना में भी तो हाँ होती है ना।
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