Monday, May 17, 2010

फ़ूल-खुशबू !

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भीड में - तन्हाई में , तुम-हम मिलते रहेंगे
सफ़र है जिंदगी का, फ़ूल-खुशबू संग-संग चलते रहेंगे ।

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4 comments:

दिलीप said...
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honesty project democracy said...

उम्दा सोच की अभिव्यक्ति /

राज भाटिय़ा said...

यह तो सवा सेर है जी.

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत सुंदर बात कही. शुभकामनाएं.

रामराम.