Monday, May 17, 2010

अजब तेरी लीला - अजब तेरे खेल

... हुआ ये कि कल सुबह सुबह गिरीश बिल्लोरे जी के अमरकंटक के जंगल में विकराल व औघड रूपधारी बाबा के रूप में देखे जाने की खबर पर ... उनकी पहचान के लिये एक टीम उनके इर्द-गिर्द लगाई गई थी .... कल शाम को बाबा जी के आश्रम में आशीर्वाद का सिलसिला जारी था लगभग पांच सौ भग्तों का तांता लगा था हमारी गुप्तचर टीम के पांच सदस्य वहीं मौजूद थे .... तभी अचानक गिरीश बिल्लोरे रूपी बाबा (पहचान नहीं हो पाई थी) ने सभी भग्तों को एकाग्रचित करते हुये कहा कि :-

"प्रिय पुत्रों, मुझे अभी अभी एक विशेष संदेश मिला है ... किसी ब्लागजगत रूपी संसार में कुछ बेनामी/अनामी/बुर्खाधारी/धूर्त/नालायक/विघ्नसंतोषी/दकियानूसी लोगों का आतंक व्याप्त हो गया है जिससे ब्लागजगत का माहौल अत्यंत दूषित हो रहा है ... वहां पहुंच कर मुझे व्याप्त अनियमितताओं को दूर कर एक खुशनुमा वातावरण बनाना है ... इसलिये मैं अब विदा ले रहा हूं ... परमपिता परमेश्वर श्री अघोरेश्वर महादेव की जय ... .... ... "

............. ...... ..... .... .... .... ..... बाबा जी सबकी आंखों के सामने से बैठे बैठे अद्रश्य हो गये ... सबकी आंखें फ़टी-की-फ़टी रह गईं ... एक घनघोर आश्चर्य .... ... यह खबर हम तक पहुंच ही रही थी तब तक दूसरी हाट लाईन पर यह संदेश मिला कि बिल्लोरे जी जबलपुर में दिखाई पडे .... वाह ... वाह .. अदभुत ... अजब तेरी लीला - अजब तेरे खेल .... जय जय श्री अघोरेश्वर महादेव की जय .... !!!!

7 comments:

M VERMA said...

बाबा से जानने की कोशिश की जाये की इतनी शीघ्रता से किस वाहन पर सफर किया.

honesty project democracy said...

जय हो अदृश्य बाबा की ? साहसिक रिपोर्टिंग के लिए उदय जी आपका और आपके टीम का भी धन्यवाद /

SANJEEV RANA said...

जय हो बाबा की

नरेश सोनी said...

चमत्कार हो गया। वाह..वाह...।

drsatyajitsahu.blogspot.in said...

वाह ... वाह .. अदभुत ... very funny............

राज भाटिय़ा said...

अरे अभी तो मेरे साथ चाय पी कर गये है. जय हो बाबा जी की

मनोज कुमार said...

जय जय श्री अघोरेश्वर महादेव की जय .... !!!!