Friday, April 9, 2010

नक्सली समस्या ........ लैंड माईंस की रणनीति !!


नक्सली समस्या दिन व दिन गम्भीर रूप लेते जा रही है आये दिन नक्सली वारदात सुनने को मिल रही हैं .... कहीं चार जवान शहीद ...... कहीं पुलिस कैंप पर नक्सली हमला ..... कहीं फ़ारेस्ट डीपो में नक्सलियों ने आग लगाई .... कहीं पुल क्षतिग्रस्त किया ..... कहीं एस. पी. नक्सली विस्फ़ोट में मारे गये ...... तो कहीं ७५ जवान नक्सलियों के शिकार .....आये दिन नक्सली कारनामें प्रिंट व इलेक्ट्रानिक मीडिया में ब्रेकिंग न्यूज बन रहे हैं ...... नक्सली ताण्डव पर आखिर कब विराम लगेगा !

आज हम नक्सलियों के कारगर हथियार "लैंड माईंस" पर चर्चा शुरु करते हैं ...."लैंड माईंस" मतलब विस्फ़ोट, धमाका, मौतें, गाडियों के परखच्चे ... वगैरह वगैरह ..... "लैंड माईंस" एक ऎसा हथियार जिसके हमले से सामने वाली पूरी-की-पूरी टीम धवस्त और अपनी टीम पूरी तरह सुरक्षित ..... आज तक लगभग सभी नक्सली हमले "लैंड माईंस" के कारण ही सफ़ल हुये और पुलिस असफ़ल ..... पुलिस पार्टी कैसे "लैंड माईंस" की शिकार बन जाती है ... आखिर "लैंड माईंस" की रणनीति क्या है !!

"लैंड माईंस" की रणनीति और सफ़लता के राज .... नक्सली अक्सर "लैंड माईंस" के लिये कच्ची अथवा टूटी-फ़ूटी पक्की सडक का चयन करते हैं .... उस सडक के "जिग-जैक"... "यू" आकार ... या फ़िर उतार-चढाव वाले सडक के हिस्से का चयन खासतौर पर किया जाता है ..... इसका भी एक मुख्य कारण ये होता है कि सडक के दोनों ओर लगभग १५०-२०० मीटर का नजारा उन्हे स्पष्ट रूप से दिखाई दे .... नक्सली ऎसे समय "लैंड माईंस" को बिछाते हैं जब उस मार्ग से किसी का भी आना-जाना न हो ..... ये कार्य अत्यंत गोपनीय तौर पर कुछ विशेष नक्सलियों की टुकडी द्वारा ही संपादित कराते हैं जो उसमें दक्ष होते हैं जिन्हें हम "लैंड माईंस एक्सपर्ट" भी कह सकते हैं !!

"लैंड माईंस" की सफ़लता का राज ये है कि वे "लैंड माईंस" बिछाकर अर्थात लगाकर नक्सली अपने अपने काम में लग जाते हैं और एक "सुनहरे मौके" की राह तकने लगते हैं ... सुनहरा मौका मतलब पुलिस की बडी पार्टी ... उनका मकसद "एक-दो" को मारना नहीं वरन "सौ-पचास" को एक ही "ब्लास्ट" मे निपटाना होता है .... उनके मुखबिर अर्थात सूचक जिन्हें हम नक्सली भाषा में "संगम सदस्य" भी कह सकते हैं वे पुलिस थाने अथवा पुलिस कैंप के आस-पास हर समय सक्रिय रहते हैं .... जैसे ही गाडियों में पुलिस पार्टी के आने-जाने की "सुगबुगाहट" मिली .... नक्सली मिशन चालू ... तत्काल "लैंड माईंस" के बिछे तारों को "रिमोट कंट्रोल" से कनेक्ट कर तैनात .... जैसे ही पुलिस गाडी "लैंड माईंस" के ऊपर... रिमोट कंट्रोल का बटन दबा .... जोर का धमाका ... गाडी के परखच्चे उडे ... सैकडों जवान शहीद ...... ब्रेकिंग न्यूज शुरु .... शोक की लहर ... चारों ओर खौफ़, दहशत, सन्नाटा !!

4 comments:

संजय भास्‍कर said...

LATO KE BHOOT HAI BATO SE NAHI MANEGE

दिगम्बर नासवा said...

आपने तो आँखों देखा हाल लिख दिया .... ख़तरनाक खेल है ये .. मासूमों की जान ऐसे ही नही जानी चाहिए ...

Randhir Singh Suman said...

nice

M VERMA said...

त्रासद है इस तरह की घटनाएँ