छत्तीसगढ़ राज्य में घटित नक्सली वारदात में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि ...... नमन ...... एक पुरानी रचना ...
नक्सली, कौन हैं नक्सली
नक्सली समस्या आखिर क्या है
और कौन हैं इसके जन्मदाता
और कौन चाहते हैं इसकी रोकथाम
रोकथाम के लिए कौन काम कर रहा है
नक्सली उन्मूलन के लिए कौन दम भर रहा है
क्या मात्र दम भरने से, उन्मूलन हो जायगा
या बरसों से दम भर रहे लोगो के साथ
कुछोकों का नाम, और जुड़ जायगा
नक्सली उन्मूलन के लिए उठाए गए कदम
क्या कारगर नहीं थे !
कारगर थे, तो फिर उन्मूलन क्यों न हुआ
क्यों कदम उठ -उठ कर, लड़खडा गए !
दम भरने वाले कमजोर थे
या उठाए गये कदम
या फिर हौसला ही कमजोर था
समय-समय पर नए-नए उपाय
और फिर वही ठंडा बस्ता
आखिर उपायों के, कब तक ठंडे बसते बनते रहेंगे
कब तक माथे पर, चिंता की लकीरें पड़ती रहेंगी
कब तक नक्सलियों के हौसले बढ़ते रहेंगे
कब तक, भोले भाले लालसलाम कहते रहेंगे
लालसलाम -लालसलाम के नारे, कब तक गूंजते रहेंगे !
एयर कंडीशन कमरों -गाड़ियों में बैठने वाले
एयरकंडीशन उड़न खटोलो में उड़ने वाले
क्या नक्सली समस्या का समाधान खोज पाएंगे
क्या लाल सलाम को "बाय-बाय" कह पाएंगे !
एयरकंडीशन में रचते बसते लोग
तपती धरती की समस्या को समझ पाएंगे
सीधी- सादी सड़कों पर दौड़ते लोग
उबड-खाबड़ पग-डंडियों पर, चलने के रास्ते बना पाएंगे
सरसराहट से सहम जाने वाले लोग
क्या नक्सली खौफ को मिटा पाएंगे
या फिर नक्सली उन्मूलन का दम ... ... !
क्या हम नक्सली समस्या समझ गए है
क्या हम इसके समाधानों तक पहुँच गए है
क्या हम सही उपाय कर पा रहे है
शायद नहीं ... ... ... ... आख़िर क्यों !
क्योकि तपती धरती , ऊबड - खाबड़ पग डंडियों
में रचने-बसने वालों के सुझाव कहाँ हैं
कौन सुन -समझ रहा है उनकी
कौन आगे है -कौन पीछे है
एयर कंडीशन ... ... ... तपती धरती ...
... ... ... और नक्सली समस्या !
साथ ही साथ यह प्रश्न भी उठता है
कि नक्सली चाहते क्या हैं
क्या वे लक्ष्य के अनुरूप काम कर रहे हैं
या फिर सिर्फ ... मार- काट ... ...
... ... लूटपाट ... ... बारुदी सुरंगें ...
... ... ही नक्सलियों का मकसद है !!
........वीर जवानों को नमन ..... श्रद्धाजंलि .... शहीदों को नमन !
नक्सली, कौन हैं नक्सली
नक्सली समस्या आखिर क्या है
और कौन हैं इसके जन्मदाता
और कौन चाहते हैं इसकी रोकथाम
रोकथाम के लिए कौन काम कर रहा है
नक्सली उन्मूलन के लिए कौन दम भर रहा है
क्या मात्र दम भरने से, उन्मूलन हो जायगा
या बरसों से दम भर रहे लोगो के साथ
कुछोकों का नाम, और जुड़ जायगा
नक्सली उन्मूलन के लिए उठाए गए कदम
क्या कारगर नहीं थे !
कारगर थे, तो फिर उन्मूलन क्यों न हुआ
क्यों कदम उठ -उठ कर, लड़खडा गए !
दम भरने वाले कमजोर थे
या उठाए गये कदम
या फिर हौसला ही कमजोर था
समय-समय पर नए-नए उपाय
और फिर वही ठंडा बस्ता
आखिर उपायों के, कब तक ठंडे बसते बनते रहेंगे
कब तक माथे पर, चिंता की लकीरें पड़ती रहेंगी
कब तक नक्सलियों के हौसले बढ़ते रहेंगे
कब तक, भोले भाले लालसलाम कहते रहेंगे
लालसलाम -लालसलाम के नारे, कब तक गूंजते रहेंगे !
एयर कंडीशन कमरों -गाड़ियों में बैठने वाले
एयरकंडीशन उड़न खटोलो में उड़ने वाले
क्या नक्सली समस्या का समाधान खोज पाएंगे
क्या लाल सलाम को "बाय-बाय" कह पाएंगे !
एयरकंडीशन में रचते बसते लोग
तपती धरती की समस्या को समझ पाएंगे
सीधी- सादी सड़कों पर दौड़ते लोग
उबड-खाबड़ पग-डंडियों पर, चलने के रास्ते बना पाएंगे
सरसराहट से सहम जाने वाले लोग
क्या नक्सली खौफ को मिटा पाएंगे
या फिर नक्सली उन्मूलन का दम ... ... !
क्या हम नक्सली समस्या समझ गए है
क्या हम इसके समाधानों तक पहुँच गए है
क्या हम सही उपाय कर पा रहे है
शायद नहीं ... ... ... ... आख़िर क्यों !
क्योकि तपती धरती , ऊबड - खाबड़ पग डंडियों
में रचने-बसने वालों के सुझाव कहाँ हैं
कौन सुन -समझ रहा है उनकी
कौन आगे है -कौन पीछे है
एयर कंडीशन ... ... ... तपती धरती ...
... ... ... और नक्सली समस्या !
साथ ही साथ यह प्रश्न भी उठता है
कि नक्सली चाहते क्या हैं
क्या वे लक्ष्य के अनुरूप काम कर रहे हैं
या फिर सिर्फ ... मार- काट ... ...
... ... लूटपाट ... ... बारुदी सुरंगें ...
... ... ही नक्सलियों का मकसद है !!
........वीर जवानों को नमन ..... श्रद्धाजंलि .... शहीदों को नमन !
4 comments:
शहीदों को नमन.......श्रद्धाजंलि !
गंभीर समस्या है।
शहीदों को नमन और श्रधांजलि।
achchhi koshish kee hai. isee tarah k vichaar hame gatimaan rakhenge.
या फिर सिर्फ मार-काट/लूटपाट...बारुदी सुरंगें ही नक्सलियों का मकसद है ?
उनका मकसद है दहशत के सहारे अपने वसूली और तस्करी के अपने उस काले साम्राज्य को फैलाना जिसमें इंसान की जान की कोई कीमत नहीं है.
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