"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
कभी तुम रोज मिलते हो, कभी मिलते नहीं यारातुम्हारी ये अदाएँ भी, क्या कातिल अदाएँ हैं।
WAAH JHOOMAA DIYA IS SHE'R NE WAAKYEE.AABHAARARSH
bahut-bahut hi sundar......
:) rumaani hawa bah gayi lagta hai kahin?badhiya sher!
bahut khoob.
'कड़ुवे सच' में तो जगह जगह मिठास ही मिठास है। हर शेर और रचना जैसे बोल रही हो। आनंद आगया आपके ब्लाग पर आकर!महावीर शर्मा
बहुत बढ़िया!
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6 comments:
WAAH JHOOMAA DIYA IS SHE'R NE WAAKYEE.
AABHAAR
ARSH
bahut-bahut hi sundar......
:) rumaani hawa bah gayi lagta hai kahin?
badhiya sher!
bahut khoob.
'कड़ुवे सच' में तो जगह जगह मिठास ही मिठास है। हर शेर और रचना जैसे बोल रही हो। आनंद आगया आपके ब्लाग पर आकर!
महावीर शर्मा
बहुत बढ़िया!
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