Friday, May 1, 2009

शेर - 30

हम जानते हैं तुम, मर कर न मर सके
हम जीते तो हैं, पर जिंदा नही हैं।

4 comments:

"अर्श" said...

SHYAAM JE BAHOT HI KHUBSURATI SE KAHI GAYEE HAI YE SHE'R.. BAHOT HI GAHARE JAJBAAT LIYE HUYE HAI... DHERO BADHAAYEE SAHIB...



ARSH

mark rai said...

jindagi ke maayne dikha diya aapne...
saral baaton se sab kuchh kah diya..
सरल व संछेप ही सफलता का राज है । इसी में पुरी दुनिया सिमटी हुई है । पुरा पन्ना जिसे नही समझा सकता उसे एक शब्द ही समझा देता है ।

रश्मि प्रभा... said...

इसे कहते हैं गहराई !

संजय भास्‍कर said...

behtreen,,,,,,,