"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
“ भ्रष्टाचार मुक्त समाज की कल्पना करना आश्चर्य है किंतु आश्चर्य असंभव नही होते।”
भ्रष्टाचार मुक्त समाज की कल्पना करना आश्चर्य है किंतु आश्चर्य असंभव नही होते।.....bilkul sahi kah rahe hai aap... इस सड़क पर इस कदर कीचड़ बिछी हैहर किसी का पाँव घुटनों तक सना है .......यह सही है की घुटनों तक कीचड़ सना है .... भ्रष्टाचार का बोलबाला है । पर किसी न किसी को तो कीचड़ साफ़ करना ही पड़ेगा और वह हम ही क्यों न हो ..
ग्रेट थॉट---चाँद, बादल और शाम । गुलाबी कोंपलें
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भ्रष्टाचार मुक्त समाज की कल्पना करना आश्चर्य है किंतु आश्चर्य असंभव नही होते।.....
bilkul sahi kah rahe hai aap...
इस सड़क पर इस कदर कीचड़ बिछी है
हर किसी का पाँव घुटनों तक सना है .......
यह सही है की घुटनों तक कीचड़ सना है .... भ्रष्टाचार का बोलबाला है । पर किसी न किसी को तो कीचड़ साफ़ करना ही पड़ेगा और वह हम ही क्यों न हो ..
ग्रेट थॉट
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चाँद, बादल और शाम । गुलाबी कोंपलें
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