Monday, March 9, 2009

शेर - 18

रंगों से - गुलालों से, आँखों से - ख्यालों से
मिटा दो सदियों की रंजिस, गले लगकर होली से ।

6 comments:

Chhattisgarh Patrakar Sangh said...

Nice Thinking , Keep us

नीरज गोस्वामी said...

होली की शुभ कामनाएं.

नीरज

sandhyagupta said...

होली की हार्दिक शुभकामनाएँ .

Mumukshh Ki Rachanain said...

"गले लग कर ........"
ग़ज़ल अच्छी लगी.

होली पर आपको ढेरों बधाइयाँ, मुबारकवाद एवं बहुत शुभकामनाऐं.

अनुपम अग्रवाल said...

रंगों से - गुलालों से, आँखों से - ख्यालों से
मिटा दो सदियों की रंजिस, रगड कर गाल गालोँ से

mark rai said...

mast... aapane to ek hi line he holi ka matlab bata diya bahut khub..