Thursday, March 5, 2009

शेर - 15

अगर हम चाहते तो, बन परिंदे आसमाँ में उड गये होते
जमीं की सौंधी खुशबू और तेरी चाहतों ने, हमें उडने नहीं दिया।

3 comments:

राहुल यादव said...

bahut khoob

Prakash Badal said...

छोटी-छोटी पंक्तियों में बड़ी-बड़ी बातें वाह!

राज भाटिय़ा said...

अति सुंदर