Thursday, September 13, 2018

कोई आखिरी इच्छा ... ?

01

एक अनर्गल कविता ....
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कुत्ता भौंक रहा था
उसे देखकर आदमी चुपचाप बैठ गया

कुछ देर बाद
आदमी उठ खड़ा हुआ

यह देख
कुत्ता चुपचाप बैठ गया

सहम गया
और आदमी को भौंचक देखने लगा

उसे डर था
कहीं आदमी न भौंकने लगे .... ?

02

दिन का सफर तो जैसे-तैसे कट ही जाएगा 'उदय'
कोई कहे उनसे, हमें अंधेरों में उनकी ज्यादा जरूरत है !

03

कभी अपना भी किसी के मुहब्बती महल में डेरा था
पर .. अब ... सड़क पर हैं !

04

मँहगाई ....

फरिश्ते नहीं आयेंगे बचाने तुमको
गर, हिम्मत है तो खुद ही जूझ लो उनसे !

05

लो .. तन्हाई भी बेवफा निकली
हर घड़ी उनको लिए फिरती है !

06

एक और अनर्गल कविता ...
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हुजूर ..
आपने सारे के सारे खेत उजाड़ दिये
फसल चौपट कर दी
आपका शुक्रिया

हमने आप पे भरोसा किया
बहुत हुआ

अब और नहीं
कोई आखिरी इच्छा .... ?

07

इक दिन .. तुझे भी खाक होना है
आज भभक ले जितना जी चाहे !

08

कुसूर उनका नहीं है
हमें ही मुहब्बत रास नहीं आई शायद !

09

वजह कुछ खास नहीं है लेकिन
दलितों को लेकर दिलों में उनके गुबार बहुत है !

~ उदय