Wednesday, August 22, 2018

मन की लहरें ..

01

बहुत तीखी मिर्ची है
वो, खुद को कुछ ऐसा समझती थी

पर
उसे मेरे स्वाद का अंदाजा नहीं था

बस
फिर क्या था .... !

~ उदय

02

तुम्हें देखते ही ...

मुँह में .. पानी-सा आ गया था
और ..
दाँत भी खट्टे हो गए थे

समझ गया था
इमली सा स्वाद है तुम्हारा,

पर
मन नहीं माना .... !

~ उदय

03

कुछ कषैला सा स्वाद है तुम्हारा .. औ खुशबू भी
क्या तुम्हें पता था कॉफ़ी पसंद है मुझे ...........?

~  उदय