01
बहुत तीखी मिर्ची है
वो, खुद को कुछ ऐसा समझती थी
पर
उसे मेरे स्वाद का अंदाजा नहीं था
बस
फिर क्या था .... !
~ उदय
02
तुम्हें देखते ही ...
मुँह में .. पानी-सा आ गया था
और ..
दाँत भी खट्टे हो गए थे
समझ गया था
इमली सा स्वाद है तुम्हारा,
पर
मन नहीं माना .... !
~ उदय
03
कुछ कषैला सा स्वाद है तुम्हारा .. औ खुशबू भी
क्या तुम्हें पता था कॉफ़ी पसंद है मुझे ...........?
~ उदय
बहुत तीखी मिर्ची है
वो, खुद को कुछ ऐसा समझती थी
पर
उसे मेरे स्वाद का अंदाजा नहीं था
बस
फिर क्या था .... !
~ उदय
02
तुम्हें देखते ही ...
मुँह में .. पानी-सा आ गया था
और ..
दाँत भी खट्टे हो गए थे
समझ गया था
इमली सा स्वाद है तुम्हारा,
पर
मन नहीं माना .... !
~ उदय
03
कुछ कषैला सा स्वाद है तुम्हारा .. औ खुशबू भी
क्या तुम्हें पता था कॉफ़ी पसंद है मुझे ...........?
~ उदय
1 comment:
बढ़िया
Post a Comment