Sunday, January 7, 2018

विकल्प ...

बहुत खुश थे .. खुशनुमा हालात थे ...
कल तक ..

कल .. तुमसे मिलने से पहले तक
चेहरे पर मुस्कान .. ताजगी ... उत्साह ....
हर पल .. पल-पल ...
सच ... बनी रहती थी .. ठहरी रहती थी ....
तुम जो थे साथ ..
हर कदम पर .. कदम-कदम पर ...

पर .. कल से ...
तुमसे .. आखिरी मुलाक़ात के बाद ...
मन ... शांत .. खामोश .. व्याकुल-सा ... है

काश ...
तुम .. रुठने ... नाराजगी की ..वजह बता जाते ....
काश ...
तुम .. कोई और विकल्प चुन लेते ... ?

~ श्याम कोरी 'उदय'

1 comment:

'एकलव्य' said...

आपको सूचित करते हुए बड़े हर्ष का अनुभव हो रहा है कि ''लोकतंत्र'' संवाद ब्लॉग 'मंगलवार' ९ जनवरी २०१८ को ब्लॉग जगत के श्रेष्ठ लेखकों की पुरानी रचनाओं के लिंकों का संकलन प्रस्तुत करने जा रहा है। इसका उद्देश्य पूर्णतः निस्वार्थ व नये रचनाकारों का परिचय पुराने रचनाकारों से करवाना ताकि भावी रचनाकारों का मार्गदर्शन हो सके। इस उद्देश्य में आपके सफल योगदान की कामना करता हूँ। इस प्रकार के आयोजन की यह प्रथम कड़ी है ,यह प्रयास आगे भी जारी रहेगा। आप सभी सादर आमंत्रित हैं ! "लोकतंत्र" ब्लॉग आपका हार्दिक स्वागत करता है। आभार "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/