सिर काट दो .. नाक काट दो ..
उड़ा दो ..
उठा लो ...
आग लगा दो, रौंद दो, लूट लो इज्जत, ...
ये "मन की बातें हैं".. पर किसके, किस-किस के मन की ?
क्या "मन की बातें" ऐंसी होती हैं ??
हिंसक .. आपराधिक ....
क्या .. हम सब ... "मूकबधिर" हो गए हैं ..
जो ....
ऐंसी "बातें" .. "मन की बातें" .. सुनकर भी ... ???
~ श्याम कोरी 'उदय'
उड़ा दो ..
उठा लो ...
आग लगा दो, रौंद दो, लूट लो इज्जत, ...
ये "मन की बातें हैं".. पर किसके, किस-किस के मन की ?
क्या "मन की बातें" ऐंसी होती हैं ??
हिंसक .. आपराधिक ....
क्या .. हम सब ... "मूकबधिर" हो गए हैं ..
जो ....
ऐंसी "बातें" .. "मन की बातें" .. सुनकर भी ... ???
~ श्याम कोरी 'उदय'
1 comment:
आप सभी सुधीजनों को "एकलव्य" का प्रणाम व अभिनन्दन। आप सभी से आदरपूर्वक अनुरोध है कि 'पांच लिंकों का आनंद' के अगले विशेषांक हेतु अपनी अथवा अपने पसंद के किसी भी रचनाकार की रचनाओं का लिंक हमें आगामी रविवार(दिनांक ०३ दिसंबर २०१७ ) तक प्रेषित करें। आप हमें ई -मेल इस पते पर करें dhruvsinghvns@gmail.com
हमारा प्रयास आपको एक उचित मंच उपलब्ध कराना !
तो आइये एक कारवां बनायें। एक मंच,सशक्त मंच ! सादर
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