Friday, October 20, 2017

एक शब्द ...

लोग ..
न जाने .. क्या-क्या लिख देते हैं
और मुझसे .. एक शब्द लिखा नहीं गया


प्रेम
आस्था
विश्वास
समर्पण
बगैरह-बगैरह ..
लिखने की मेरी तमाम कोशिशें नाकाम रहीं

एक शब्द
अब तक .. अपूर्ण है
कोशिशें .. आज भी जारी हैं
शायद ..
किसी क्षण, किसी पल ... पूर्ण हो जाए .... !

5 comments:

'एकलव्य' said...

आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द" में सोमवार २३ अक्टूबर २०१७ को लिंक की गई है.................. http://halchalwith5links.blogspot.com आप सादर आमंत्रित हैं ,धन्यवाद! "एकलव्य"

NITU THAKUR said...

bahot khoob....wah apoorn shabd prayas hai...karte rahenge to shabd kya kavya granth likh denge. bahot sunder rachna

सुशील कुमार जोशी said...

सुन्दर भाव।

शुभा said...

वाह!!सुंदर ।

रेणु said...

आदरणीय उदय जी -------बहुत अच्छा लिखा आपने |अक्सर यही होता है --हम वो लिख नही पाते जो मन चाहता है | सादर शुभकामना आपको ----------