बहुत दूर से .. बहुत दूर तक का .. सफ़र है
पाँव के छाले
राह के कंकड़
कोई मायने नहीं रखते,
गर .. ठहरे ...
थके ..
रुके ..
तो समझो गये .. !
क्यों ?
क्योंकि -
वक्त .. और .. मंजिलें ...
कभी .. किसी का .. इंतज़ार नहीं करतीं ... !
पाँव के छाले
राह के कंकड़
कोई मायने नहीं रखते,
गर .. ठहरे ...
थके ..
रुके ..
तो समझो गये .. !
क्यों ?
क्योंकि -
वक्त .. और .. मंजिलें ...
कभी .. किसी का .. इंतज़ार नहीं करतीं ... !
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