Wednesday, August 24, 2016

कृष्ण नहीं है .. जान रहा है ... ?

राधा राधा पुकार रहा है
भटक रहा है
गली-गली ..

होश पूरे गँवा चुका है
कुछ व्याकुल, कुछ तड़फ लिए
राधा-राधा ... गली-गली

रोता .. बिलखता .. आस लिए
उम्मीदों की टीस लिए ...
हर नुक्कड़ पे ..

निकल पड़ा है ..
पुकार रहा है ... राधा-राधा ...
गली-गली .. राधा-राधा .. शहर-शहर .. ?

कृष्ण नहीं है ..
जान रहा है ... मान रहा है
फिर भी .. राधा-राधा .. गली-गली .. ??

~ श्याम कोरी 'उदय'

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