दुःख के बादल बिखरे हैं
चहूँ ओर ........ आकाश में,
और हम ...
सुख की छतरी
छोटी-छोटी
पकड़ हाथ में
छोटी-छोटी
पकड़ हाथ में
दौड़ रहे हैं ... दौड़ रहे हैं,
जीवन की आपा-धापी में
हम ...
कुछ पकड़ रहे ... कुछ छोड़ रहे हैं,
दुःख के बादल बिखरे हैं
चहूँ ओर ........ आकाश में !!~ श्याम कोरी 'उदय'
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