Wednesday, October 30, 2013

काबिले तारीफ़ ...

हुजूर … 
एक बार क़ुबूल तो करें 
सलाम हमारा 

हम 
आज अजनबी सही 
गैर सही 

पर 
हुनर के पारखी हैं 
जौहरी हैं 

तेरा हुश्न … 
अदाएं 
सच ! काबिले तारीफ़ हैं !!

3 comments:

Rajendra kumar said...

आपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल शुक्रवार (01-11-2013) को "चर्चा मंचः अंक -1416" पर लिंक की गयी है,कृपया पधारे.वहाँ आपका स्वागत है.

संजय भास्‍कर said...

khubsurat abhivaykti.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

रूप पुजारी मत बनों, सच्चा करलो प्यार।
तन-मन सब है आपका, हम दिल बैठे हार।।
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सुप्रभात...।
आरोग्यदेव धन्वन्तरी महाराज की जयन्ती
धनतेरस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ।