क्या खूब गिड़-गिड़ा रहे हैं गिगिरगिट्टे
जिन्होनें वक्त रहते रंग नहीं बदला ?
...
जोर उनका चलता नहीं है
वर्ना, वो पिछवाड़े भी लगा के घूम लेते लाल बत्ती ?
...
मौत उसकी भी 'उदय',.....रंग ला रही है
तमाम हिजड़ों की जुबाँ लप-लपा रही है ?
...
वक्त-वक्त की बात है 'उदय'
वही कुत्ता, वही शेर है ????
...
सरकार उनकी है, और खुद सरकार भी हैं वो
चिट हो या हो फंड, कौन क्या बिगाड़ लेगा ?
...
1 comment:
चितपट के खेल को चिट कर दिया, बीच का तप हटा दिया।
Post a Comment