तनिक जोर-आजमाईश तुम भी कर लो,
फिर देखें, बनाते हो या बनते हो एप्रिल-फूल खुद यारा ?
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वो इतने भी मुलायम नहीं हैं 'उदय', कि - दबाने से दब जाएँ
पर, गर, खुद उनकी ही मंसा हो, तो फिर हम क्या कहें ???
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आज हमारी मुहब्बत का इम्तिहान है 'उदय'
चुप रहो, ये पैगाम भेजा है उन्ने ???????
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ऐंसा सुनते हैं 'उदय', जो दिखता है वही बिकता है
तो फिर, दुनिया ये समझ ले, हमें बिकना नहीं है ?
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एक तो, वो बगैर सहारे के खड़े हो नहीं पाते
फिर भी, फ़रिश्ते कह रहे हैं खुद को वो ???
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2 comments:
बहुत ख़ूब
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